7th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग के अंतिम महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी इतनी मिलेगी सैलरी

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केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए जुलाई 2025 से एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है 7वें वेतन आयोग के तहत इस बार महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है जिससे कर्मचारियों का कुल डीए 58 फीसदी तक पहुंच सकता है अभी महंगाई भत्ता 55 फीसदी है जो जुलाई 2025 से बढ़कर 58 प्रतिशत हो सकता है इसका सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर पड़ेगा सरकार की ओर से इस फैसले की आधिकारिक घोषणा दीवाली के आसपास अक्टूबर या नवंबर महीने में की जा सकती है।

महंगाई भत्ते की गणना हर छह महीने में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर की जाती है अप्रैल 2025 के आंकड़ों के अनुसार यह सूचकांक 0.5 अंक बढ़कर 143.5 हो गया है जबकि मार्च 2025 में यह 143.0 पर था लगातार दो महीनों से इसमें वृद्धि देखने को मिल रही है जिससे यह तय माना जा रहा है कि इस बार भी महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी निश्चित है।

मूल वेतन और पेंशन इतनी होगी

इस बार की वृद्धि खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि यह 7वें वेतन आयोग के तहत अंतिम महंगाई भत्ता संशोधन होगा 7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है और इसके बाद 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है ऐसे में यह अंतिम वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकती है अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30 हजार रुपये है तो मौजूदा 55 प्रतिशत के हिसाब से उसे 16 हजार 500 रुपये महंगाई भत्ता मिलता है लेकिन अगर यह दर 58 प्रतिशत हो जाती है तो भत्ता बढ़कर 17 हजार 400 रुपये हो जाएगा यानी हर महीने उसे 900 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे और साल भर में लगभग 10 हजार 800 रुपये का फायदा होगा इससे उन कर्मचारियों को खास राहत मिलेगी जिनका मासिक बजट महंगाई से प्रभावित हो रहा है।

ऐसे मिलेगा लाभ

वहीं पेंशनरों के लिए भी यह वृद्धि काफी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि उन्हें भी भत्ते के साथ महंगाई राहत मिलती है सरकार आमतौर पर भत्ता और राहत दोनों की घोषणा एक साथ करती है जिससे पेंशनभोगी वर्ग को भी फायदा मिलता है महंगाई दर की बात करें तो अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.94 प्रतिशत रही जो मार्च 2025 में 2.95 प्रतिशत थी यह दर पिछले साल अप्रैल 2024 में 3.87 प्रतिशत थी यानी वर्तमान में महंगाई दर में स्थिरता है जिससे सरकार के ऊपर भत्ता बढ़ाने का दबाव भी बनता है।

वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे जैसे महंगाई के आंकड़े सामने आते हैं सरकार को भत्ता बढ़ाने की ज़रूरत होती है ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे साथ ही त्योहारों के सीजन में वृद्धि की घोषणा से कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ता है केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इस निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं आने वाले दिनों में अगर सूचकांक में और बढ़ोतरी होती है तो भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी संभव हो सकती है लेकिन फिलहाल 3 प्रतिशत वृद्धि को लेकर संकेत काफी मजबूत माने जा रहे हैं।

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