सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही सिंचाई पाइप लाइन योजना का उद्देश्य यह है कि ट्यूबवेल या कुएं से खेत तक जल को सुचारू रूप से पहुंचाया जा सके। इस योजना के तहत सिंचाई में लगभग 20 से 25 प्रतिशत तक पानी की बचत सुनिश्चित की जाती है। यह योजना राज्य के छोटे और सीमांत किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है क्योंकि इससे पानी की बर्बादी नहीं होती और सिंचाई आसान हो जाती है।
इस योजना के तहत सरकार की तरफ से 18000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसानों को बिना ज्यादा मेहनत के अपने खेतों तक पानी पहुंचाने की सुविधा मिलती है, सिंचाई की लागत में कमी आती है और जल का संरक्षण भी होता है। जो किसान अब तक पारंपरिक तरीके से खेतों में पानी पहुंचाते थे, वे इस योजना का उपयोग कर सिंचाई प्रणाली को आधुनिक बना सकते हैं।
सिंचाई पाइपलाइन योजना लाभ
इस योजना के तहत किसानों को अनुदान के रूप में राशि प्रदान की जाती है। सीमांत और लघु किसान, जिन्हें सबसे अधिक सहारे की जरूरत होती है, उन्हें इकाई लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है जिसकी अधिकतम सीमा ₹18000 है। अन्य सामान्य किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम ₹15000 तक की राशि अनुदान के रूप में दी जाती है। यह सहायता राशि किसानों को उनकी भूमि पर सिंचाई व्यवस्था मजबूत करने के लिए दी जाती है।
सिंचाई पाइपलाइन योजना पात्रता
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके नाम पर कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व हो और जिनके पास विद्युत, डीजल या ट्रैक्टर चालित पंप सेट उपलब्ध हो। यदि किसी सामूहिक कूप पर एक से अधिक हिस्सेदार हैं, और सब अलग-अलग पाइपलाइन का उपयोग करना चाहते हैं, तो हर हिस्सेदार को अलग से आवेदन करना होगा और सभी को अलग-अलग अनुदान भी दिया जाएगा। यानी कि पाइपलाइन की दूरी के अनुसार हर किसान को उसके हिस्से का व्यक्तिगत अनुदान मिलेगा।
इस योजना से जुड़ी एक खास बात यह है कि अनुदान तभी स्वीकृत होगा जब पाइपलाइन कृषि विभाग द्वारा अनुमोदित निर्माता या विभाग के पंजीकृत विक्रेता से ही खरीदी जाएगी। यानी स्थानीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विक्रेता से पाइपलाइन की खरीद अनिवार्य है। खरीद पूरी होने के बाद विभागीय निरीक्षण किया जाएगा और जब सब सही पाया जाएगा तब जाकर अनुदान की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर की जाएगी यह योजना चौथे वित्तीय वर्ष तक वैध रहती है, यानी किसान एक बार योजना का लाभ ले लेने के बाद अगले तीन साल तक उस जमीन के लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकता।
सिंचाई पाइपलाइन योजना आवेदन प्रक्रिया
आवेदन करने के लिए किसान को स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केंद्र से किसान साथी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकती है और फॉर्म स्वीकार होने पर उसकी सूचना भी पोर्टल पर मिल जाती है। आवेदन करते समय आधार कार्ड, जनाधार कार्ड और खसरा संख्या जैसे जरूरी दस्तावेज देने होंगे। ध्यान देने की बात है कि जनाधार कार्ड और दस्तावेज अधिकतम छह माह से पुराने न हों।
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